मुझे देखो न प्यार से कहीं ये शहर जल जाए,
नज़र से ही सही पर बातें मुझसे ऐसे ही करना,
जुबां से बोलोगी तो यह न हो की गैर जल जाए,
तेरी इस चांदनी से पड़ गए हैं छाले इस दिल पर,
की छुप जाना ज़रा जल्दी कहीं न सहर जल जाए,
तेरे आने पे ही तो महफिलों में नूर आता है,
तेरे आने पे ही तो महफिलों में नूर आता है,
कहीं ऐसा न हो चराग तिरे बगैर जल जाए।