I just love this song from the movie "Papa Kahte Hain". It has touched the very core of my heart... so just thought of sharing it on my blog...
मुझसे नाराज़ हो तो हो जाओ
खुद से लेकिन खफा खफा न रहो
मुझसे तुम दूर जाओ तो जाओ
आप अपने से तुम जुदा न रहो
मुझसे नाराज़ हो.....
मुझपे चाहें यकीं करो न करो
तुमको खुद पर मगर यकीन रहे
सर पे हो आसमान या कि न हो
पैर के नीचे ये ज़मीन रहे
मुझको तुम बेवफा कहो तो कहो
तुम मगर खुद से बेवफा न रहो
मुझसे नाराज़ हो.....
आओ इक बात मैं कहूँ तुमसे
जाने फिर कोई ये कहे न कहे
तुमको अपनी तलाश करनी है
हमसफ़र कोई भी रहे न रहे
तुमको अपने सहारे जीना है
ढूँढती कोई आसरा न रहो
मुझसे नाराज़ हो तो हो जाओ
खुद से लेकिन खफा खफा न रहो
मुझसे तुम दूर जाओ तो जाओ
आप अपने से तुम जुदा न रहो..!!
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खुद से लेकिन खफा खफा न रहो
मुझसे तुम दूर जाओ तो जाओ
आप अपने से तुम जुदा न रहो
मुझसे नाराज़ हो.....
मुझपे चाहें यकीं करो न करो
तुमको खुद पर मगर यकीन रहे
सर पे हो आसमान या कि न हो
पैर के नीचे ये ज़मीन रहे
मुझको तुम बेवफा कहो तो कहो
तुम मगर खुद से बेवफा न रहो
मुझसे नाराज़ हो.....
आओ इक बात मैं कहूँ तुमसे
जाने फिर कोई ये कहे न कहे
तुमको अपनी तलाश करनी है
हमसफ़र कोई भी रहे न रहे
तुमको अपने सहारे जीना है
ढूँढती कोई आसरा न रहो
मुझसे नाराज़ हो तो हो जाओ
खुद से लेकिन खफा खफा न रहो
मुझसे तुम दूर जाओ तो जाओ
आप अपने से तुम जुदा न रहो..!!
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--Javed Akhtar