Thursday, July 30, 2009

मैं बुरा हूँ बस बुराई का सबब मत पूछिए..!!



मुझसे मिलने पर जुदाई का सबब मत पूछिए,
मैं बुरा हूँ बस बुराई का सबब मत पूछिए,

जिसके घर में धूल से ही पेट भरतें हो सभी,
उसके घर जाकर रुलाई का सबब मत पूछिए,

चोट के गर्दन पे, चहरे पे निशाँ मौजूद हों,
लड़की से फिर बेवफाई का सबब मत पूछिए,


बाप के काँधे पे बढती उम्र का जब बोझ हो,
रोज़ बेटी से लडाई का सबब मत पूछिए

देखिये एहसास मेरे 'लम्स' के उड़ते हुए
मुझसे लेकिन इस रिहाई का सबब मत पूछिए..!!

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