Tuesday, January 26, 2010

तेरे होने से..!!



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खुलूस-ए-नज़र, हसरत-ए-जिगर, तेरे होने से,
रहमत-ए-अदा, है जिंदा बशर, तेरे होने से,

सहरा मे मैं, हूँ सूखा शजर, तू दरिया कोई
हूँ बदहाल पर, लगता है समर, तेरे होने से,

वो एक नीम शब्, बहा डाले थे, सभी खाब फिर,
अब इन आँखों मे, रहती है सहर, तेरे होने से,

सुकूं था जो एक संग सीने मे दबा रखा था
उसमे भी अब, होता है असर, तेरे होने से,

ये एहसान अब, तेरा लम्स पर, रहेगा सदा
फिर परवाज़ है ओ हैं बालो पर तेरे होने से..!!
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Saturday, January 9, 2010

नहीं सिखलाओ बच्चों को..!!


नहीं सिखलाओ बच्चों को
की इस धरती पे जो भगवां है
वो इन्सां मे रहते हैं
वो बच्चे डर से जाते हैं
की जब भी देख लेते हैं
किसी भागवान ने जाकर...

किसी भागवान को मारा..!!
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