चलो एक बार फिर से अजनबी बन जाएँ हम दोनों,
चलो पहली तरह, उस ही जगह पर, फिर से मिलते हैं,
बहाने से किसी हम, और तुम फिर, साथ चलते हैं,
कि जाने पे ये बातों पर सबर हम दोनों रखते हैं,
न हम पलटें, न फिर पलटें और ना मुस्काएं हम दोनों,
चलो एक बार फिर से अजनबी बन जाएँ हम दोनों,
बहुत मासूम चेहरे से शरारत फिर से करना तुम,
कभी आँसू बहाकर के शिकायत मुझसे करना तुम,
कि सोने जाओ जब जाना, इनायत खुद पे करना तुम,
न तुम सोचो न मैं सोचूं न फिर घबराएं हम दोनों,
चलो एक बार फिर से अजनबी बन जाएँ हम दोनों,
कि खुद ही खेल मे तुमसे मेरा यूँ हार जाना फिर,
ख़ुशी से दस्त-ओ-बाजू पे जो मेरे मार जाना फिर,
ये कहकर,क्यूँ किया यह, और मेरे पास आना फिर,
ऐसा कहकर, झुकाकर सर, न फिर शरमायें हम दोनों,
चलो एक बार फिर से अजनबी बन जाएँ हम दोनों,
कभी मेरी कोई बातों पे तेरा टूट कर आना,
कभी यूँ खामखा मेरे, धुएँ पे रूठ कर जाना,
मेरा लड़ना, मेरी बातों, पे तेरा गौर ना करना,
झगड़ कर के, बिगड़ कर के, न फिर हंस जाएँ हम दोनों,
चलो एक बार फिर से अजनबी बन जाएँ हम दोनों,
न मुमकिन हो अगर जानां तो फिर कुछ ऐसा करते हैं
कि इस दुनिया में होकर अजनबी हम दोनों मरते हैं
और उसके बाद सब यादों को लेकर फिर से मिलते हैं..!!
-------------------------------
-------------------------------
-------------------------------
9 comments:
बहुत उम्दा!
इसी दुनिया मे बनके अजनबी हम दोनों मरते हैं.nice
waah.........kya baat hai.........bahut sundar.
waah.........kya baat hai.........bahut sundar.
बहुत खूब, लाजबाब !
'isi dunia me bnke ajnabi,hum dono marte hain,
akabat me sabhi,hum yaadein leke fir se milte hain!!
bahut hi accha...
Very.......nice
First time aayi mera kuch saman par....tab jana ...yahan kuch nahi bahut kuch hai....apne is khaas samaan ko yunhi aam karte rahiye.....ham bhi aane ki aadat bana lenge
अकाबत में सभी हम यादें लेके फिर से मिलते हैं...
bahut safi kaha...
Post a Comment