Saturday, December 13, 2008

मेरी आँखें... (नज़्म)


हर ख़ुशी से गुज़र कर देखो हर ख़ुशी पर ठहर कर देखो,
सब रास्तों पर मिल जाएँगी तेरी आँखें मेरी आँखें,

हर सपने से गुज़र कर देखो हर सपने पर ठहर कर देखो,
सब रास्तों पर मिल जाएँगी तेरी आँखें मेरी आँखें,

हर ख्वाइश से गुज़र कर देखो हर ख्वाइश पर ठहर कर देखो,
सब रास्तों पर मिल जाएँगी तेरी आँखें मेरी आँखें,

तुमको इन सब बातों पर गर यकीन अभी भी नहीं हुआ तो,

अपने दिल के एहसासों के शहर में जाकर टहल कर देखो,
हर रस्ते पर खड़ी मिलेंगी तुझको तकती मेरी आँखें.
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